आख़िर भारत ने गेहूं एक्सपोर्ट पर बैन क्यों लगाया?

भारत की गेहूं एक्सपोर्ट पर बैन की पृष्ठभूमि

2024 में, भारत ने अपने आंतरिक आवश्यक्ताओं को संतुलित करने के लिए गेहूं के निर्यात पर बैन लगा दिया। इस निर्णय के पीछे कई कारण हैं, जो भारतीय आर्थिकी और कृषि नीति को प्रभावित करते हैं।

भोजन सुरक्षा का महत्व

एक प्रमुख कारण भोजन सुरक्षा है। भारत की विशाल जनसंख्या के लिए पर्याप्त खाद्यान्न सुनिश्चित करना पहली प्राथमिकता है। कई बार बाढ़ और सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाएं फसलों को नुकसान पहुंचाती हैं। ऐसी स्थिति में, गेहूं का निर्यात देश की भीतर की आवश्यकताओं को खतरे में डाल सकता है।

मूल्य स्थिरता बनाए रखना

भारत में गेहूं की कीमतों की स्थिरता बनाए रखना भी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है। जब घरेलू बाजार में गेहूं का अभाव होता है, तब कीमतों में तेज़ वृधि हो सकती है। एक्सपोर्ट पर बैन लगाकर, सरकार यह सुनिश्चित करती है कि देश में पर्याप्त मात्रा में गेहूं रहे और इसकी कीमतें नियंत्रित रहें।

अंतर्राष्ट्रीय जिम्मेदारियाँ और प्रतिबद्धताएँ

भारत, विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और देशों के साथ कई व्यापारिक समझौते करता है। हालांकि, जब देश की आंतरिक स्थिति गंभीर हो, तो इन समझौतों में लचीलापन अपनाना आवश्यक हो जाता है। 2024 में लगाए गए इस बैन के साथ, भारत ने अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दी है।

1 thought on “आख़िर भारत ने गेहूं एक्सपोर्ट पर बैन क्यों लगाया?”

  1. of course like your website but you have to check the spelling on several of your posts A number of them are rife with spelling issues and I in finding it very troublesome to inform the reality on the other hand I will certainly come back again

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